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नगर पालिका सारणी में विज्ञापन का गोरखधंधा जिनकी दरे फिक्स है उन्हे फिक्स रेट पर विज्ञापन देना आर्थिक अपराध

नगर पालिका सारणी में विज्ञापन का गोरखधंधा

जिनकी दरे फिक्स है उन्हे फिक्स रेट पर विज्ञापन देना आर्थिक अपराध 

बैतूल। बैतूल जिले से प्रकाशित दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक समाचार पत्र – पत्रिकाओ के प्रकाशक एवं संपादक संघ ने प्रदेश की भाजपा सरकार के मुखिया शिवराज सिंह को लिखे शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि जिले की सबसे बडी नगर पालिका सारणी में वहां के कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा भाजपा नेताओ, नगर पालिका के अध्यक्ष , उपाध्यक्ष, नेताप्रतिपक्ष तथा विधायक एवं सासंद प्रतिनिधि तथा भाजपा के पदाधिकारियों तथा पार्षदो के दबाव में आकर भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न नगरो एवं महानगरो से प्रकाशित होने वाले उन दैनिक समाचार पत्रो को फिक्स रेट में विज्ञापन दिए जा रहे है जिनकी विज्ञापन दरे राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा तय की जा चुकी है। ऐसे समाचार पत्रो में तीन हजार से तेरह हजार में छपने वाले विज्ञापनो को फिक्स रेट पर 60 से 70 हजार रूपये का आदेश पत्र जारी किया जा रहा है। नगरपालिका के आडिट विभाग ने ऐसे विज्ञापना के आदेश पत्रो पर अपनी असहमति दिखाने के बाद भी भोपाल के चार दैनिक समाचार पत्रो के वर्ष 2019 सें लेकर 2021 दिसम्बर तक लाखो के विज्ञापनो का भुगतान जारी किया गया। मजेदार बात तो यह देखने को आई कि भाजपा विधायक से लेकर सासंद तक के प्रतिनिधियों ने सारणी नगर पालिका में अपना नाम एवं समाचार पत्र को तथाकथित पंजीकृत करवा रखा है ताकि जब भी कोई विज्ञापन जारी हो तो सबसे पहले उन्हे ही मिले। स्थापना शाखा के पूर्व शाखा प्रभारी नारायण घोरे को इसलिए वहां से हटाया गया क्योकि वह उन नेताओ एवं पदाधिकारियों को उनकी मांग के अनुरूप विज्ञापन आदेश जारी नहीं कर रहा था। वर्तमान स्थापना शाखा प्रभारी पर यह आरोप है कि वह जानबुझ कर सारणी के चार लोगो को ही हजारो की निविदा एवं प्रदर्शन विज्ञापन जारी कर रहा है। सारणी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी अकसर बाहर रहने के कारण उनकी शराफत का नाजायज फायदा उठा कि नगर पालिका सारणी चार शाखाओं स्वास्थ एवं स्वच्छता, लोक निमार्ण, स्थापना शाखा तथा जल कर एवं राजस्व शाखा द्वारा सीधे मन माने ढंग से विज्ञापनो के आदेश जारी किए जा रहे है। इधर आडिट विभाग के एक जिम्मेदार अधिकारी ने कहा कि ऐसी शाखा या शाखा प्रमुख जिन समाचार पत्रो की दरे राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित की जा चुकी है उसे दर से अधिक राशी पर यदि भुगतान करवाते है तो उनसे दर से अधिक भुगतान करवाई गई राशी कर मय ब्याज सहित वसूली की जा सकती है। आडिट विभाग के प्रमुख का कहना है कि जिन समाचार पत्रो की दरे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नही है ऐसे समाचार पत्रो को ही न्यूतम फिक्स रेट पर विज्ञापन आदेश जारी किए जा सकते है।

प्रकाशक एवं संपादक संघ को

फिक्स रेट पर भुगतान को लेकर आपत्ति

इधर बैतूल जिले के सबसे बडे समाचार पत्र प्रकाशक एवं संपादक संघ ने भोपाल के बडे घरानो के दैनिक समाचार पत्रो को स्थनीय निकायों से लेकर राज्य सरकार के जन संपर्क संचानालस द्वारा स्वीकृत एवं निर्धारत रेट पर विज्ञापनो के भुगतान फिक्स रेट पर किया जाना एक प्रकार से गंभीर अपराध एवं आर्थिक गबन है जो चंद लाभ एवं दबाव के कारण सारनी नगर सहित जिले की अन्य नगर पालिकाओ के कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। इस संदर्भ  में एक शिकायत की प्रति स्थानीय प्रशासन मंत्री नगरीय निकाय को भी भेजी गई है। शिकायती ज्ञापन में जिले से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रो के प्रकाशको एवं संपादको के संघ के एक दर्जन से अधिक पदाधिकारियों ने अपने हस्ताक्षर किए है।

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