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घाटबिरोली में घटित बलत्कार की शिकार मृतका नाबालिक आदिवासी लड़की के गरीब मजदूर माता-पिता को एस सी/एस टी एक्ट के तहत नहीं मिली कोई राशि ।

घाटबिरोली में घटित बलत्कार की शिकार मृतका नाबालिक आदिवासी लड़की के गरीब मजदूर माता-पिता को एस सी/एस टी एक्ट के तहत नहीं मिली कोई राशि ।

बैतूल जिले के मुलताई पुलिस थाना दुनावा चौकी क्षेत्र में आने वाले ग्राम घाटबिरोली में विगत 24जुलाई21को एक नाबालिक आदिवासी लड़की के साथ बलत्कार की घटना के बाद जलना इलाज के दौरान मरने की सनसनीखेज घटना के मामले की जानकारी लेने मप्र दलित आदिवासी मानव अधिकार रक्षक (DHRD-NDMJ नई दिल्ली) टीम में कलिराम पाटिल सारनी व अनिता बिसन्द्रे खडंवा से नाबालिक पीड़ित मृतका के घर गांव घाटबिरोली पहुंचे। देखने में आया कि पीड़ित मृतका के माता पिता घटना से बहुत आहत और सदमे में बने हुए है। आरोपी को बडी सजा फांसी होने की इच्छा रखते है, उन्होंने बताया कि उनकी लड़की के साथ इतनी बड़ी घटना होने पर पंचायत व जिला प्रशासन से कोई भी आर्थिक मदद नही मिली है। मुलताई एसडीओपी द्वारा के तौर पर उट के मुंह में जीरा मात्र ढाई सौ रुपए दिया जाना है। नाबालिक पीड़ित मृतका के माता-पिता गरीब खेतीहर आदिवासी मजदूर है। गांव में स्वयं के पास रहने का मकान नही है, किरायेदार है। पीड़ित मृतका लड़की के हास्पीटल इलाज के लिए गांव के एक व्यापारी साहुकार से कर्ज लिया और कुछ नाते रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर इलाज करवाया। नाबालिक पीड़ित मृतका अपने माता-पिता की एकलौती लड़की थी, नाबालिक पीड़ित मृतका गांव के स्कूल में अध्ययनरत कक्षा 9वी पास होकर कक्षा 10मे गई थी,एक छोटा नाबालिक भाई  भी है।नाबालिक पीड़ित मृतका के माता पिता ने बताया कि आरोपी का नाम आदित्य वल्द सुरेश कुबडे उम्र 22वर्ष कुन्बी जाति का और पड़ोसी ही घाट बिरोली का ही है। पीड़ित मृतका के साथ बलत्कार की घटना 24/07/21 को सुबह 11बजे के आसपास जब वे खेत में काम करने गए हुए थे, घर में पीड़ित मृतका लड़की अकेली थी अकेली देखकर घर में ही जमीन पर पटक कर बलत्कार की घटना हुई। उन्होंने बताया कि पीड़ित मृतका लड़की को चिल्लाने शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी दी थी।जलने की घटना 24की उसी रात डेढ़ बजे घर के पीछे के कमरे में हुई।उस समय सब लोग गहरी नींद में सो रहे थे। मृतका के माता पिता ने बताया कि बलत्कार घटना की जानकारी शाम को भाई जेठ के लड़के द्वारा हुई। भाई जेठ का लड़का को बलत्कार घटना के बारे में पीड़ित मृतका द्वारा फोन से बताया था। पीड़ित मृतका के माता पिता ने बताया कि घटना की जानकारी होने पर उन्होंने बदनामी के डर कोई हल्ला गुल्ला नही मचाया सीधे आरोपी के पिता से मिले लेकिन कोई साहनुभूति प्रतिक्रिया नही मिली। नाबालिक पीड़ित मृतका साक्षी घटना से आहत और बदनामी के डर से आग लगा कर आत्महत्या की कोशिश की थी, लगभग 90प्रतिशत जल गई थी। पीड़ित मृतका लड़की को इलाज के लिए पहले महाराष्ट्र के वरुड ले जाया गया पश्चात वहां से डाक्टरों ने अमरावती के जिला अस्पताल में रिफेयर कर दिया था। इलाज के दौरान मृत्यु हो जाना बताया। नाबालिक पीड़ित मृतका की माता ने बताया कि मृतका लड़की ने अस्पताल में महाााष्ट्र पुलिस को बयान देते सुना था कि आरोपी द्वारा पुर्व में दो तीन बार मृतका लड़की के साथ  बलत्कार कर चुका था। मृतका लड़की ने अस्पताल में स्वयं ने महाराष्ट्र पुलिस को बयान दिया है। दुनावा पुलिस चौकी प्रभारी श्री बसंत कुमार मसकोले ने घटना के संबंध में बताया कि घटना के संबंध में दिनांक 26/07/21को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के जिला वर्निग अस्पताल से सुचना दुरभाष से मिली थी कि घाटबिरोली की नाबालिक साक्षी जलने से वर्निग अस्पताल में इलाजरत है। सुचना मिलने पर वे अमरावती के जिला अस्पताल गये। जहां पीड़ित मृतका की हालत गंभीर थी, बोलने की स्थिति नही होने पर पीड़ित मृतका के माता संगीता के कथन पर पीड़ित मृतका का मेडिकल करने के बाद मामला पंजीबद्ध किया और आरोपी के  खिलाफ अपराध क्र. 376(2) एन,376(3),506 भादवि,5/6 पाक्सो एक्ट 3(2)v,3(2)(va)एस सी /एस टी एक्ट के तहत मामले में जिला जेल भेज दिया। सवाल खड़ा होता है कि एससी-एसटी एक्ट में पीड़ितजनो को राहत की आदी राशि तुरन्त मिल जाना चाहिए थी लेकिन घटना के 15दिनो के बाद भी अब तक राहत राशि प्रशासन द्वारा पीड़ित जनता परिवार को नहीं मिली हैजो जानकारी हासिल हुई है।

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