सांसद, विधायक, अपने समाज का प्रतिनिधित्व करने के बजाय पार्टियों के हरिजन नेता बनकर रह गए है ॽ आजाद भारत में बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर एक दूधवाले से चुनाव हार गए थे। हालांकि यह लोकतंत्र की ताकत थी और हारना लाज़िमी था क्योंकि बोरकर नाम के इस व्यक्ति को पार्टी …
Read More »अन्य
अपने परिजन के मरने में आखिर कब तक रोए ॽ याद में अच्छा काम करें।
अपने परिजन के मरने में आखिर कब तक रोए ॽ याद में अच्छा काम करें। माता पिता भाई बहिन पति पत्नी सभी प्रियजनों को एक दिन मरना ही पड़ता है बिछुड़ना ही पड़ता है. तथागत भगवान बुद्ध ने शोक करने को मना किये हैं. लेकिन हम लोग रोते हैं शोक मानते …
Read More »देश को पुर्व राष्ट्रपति के आर नारायण की आवश्यकता है।
देश को पुर्व राष्ट्रपति के आर नारायण की आवश्यकता है आर आर बंसोड देश के पहले दलित राष्ट्रपति डॉ. के. आर नारायण जो कि केरल से थे उनका सम्पूर्ण जीवन सघर्ष से भरा है वे केरल के एक छोटे से गांव में फूस की झोंपड़ी में सन् 1920 में पैदा …
Read More »दिपावली मनाने का मतलब डॉ बाबासाहेब आंबेडकर को धोखा देना- स्तभकार डॉ मिनाक्षी डागे
स्तंभकार ————— डॉ। मीनाक्षी डांगे मो 9822632405 *बौद्धों के लिए दिवाली मना है!* इसे मनाने का मतलब डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर जी के साथ विश्वासघात करना. = = = = = दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। जिसे पांच दिनों तक घरों …
Read More »सूचनाओं के अबाध प्रवाह में बाधक बनती सरकारें। सोशल मीडिया को इशारों पर नचाने के लिए दबाव का खेल।
सूचनाओं के अबाध प्रवाह में बाधक बनती सरकारें। सोशल मीडिया को इशारों पर नचाने के लिए दबाव का खेल। हाल ही में सोशल मीडिया खासकर ट्विटर के पीछे पड़ी सरकारें और मुक़दमों में उलझाने जैसे हथकंडे अपनाने पर वरिष्ठ पत्रकार खान सलाहुद्दीन का विश्लेषण। 1896 में जब मारकोनी ने रेडियो …
Read More »चुनावी राज्यों के राजनैतिक रोड-शो में एवं हरिद्वार के कुंभ मेले में साधु-संतों श्रद्धालुओ की अपार भीड़ लेकिन कोई कोरोना नहीं ।
चुनावी राज्यों के राजनैतिक रोड-शो, हरिद्वार के कुंभ में में साधु-संतों श्रद्धालुओ की अपार भीड़ लेकिन फिर भी कोरोना नहीं। इस समय कोरोना संक्रमण बिमारी का प्रकोप बढ़ने लगा है। कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकारों ने सख्त रवैया अपना लिया है। 144धारा लाकडाउन तक का उपयोग …
Read More »26नवम्बर संविधान दिवस देश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं संविधान है तो लोकतंत्र एवं संवैधानिक मौलिक अधिकार सुरक्षित है।
संविधान निर्माताओं ने 2 वर्ष 11हिने 18दिन में देश का संविधान को तैयार करके 26नवम्बर 1949को संविधान निर्माता डॉ.बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद देकर देश को समर्पित किया था। संविधान के संबंध में बाबा साहेब आंबेडकर का कहना पड़ा था कि संविधान अच्छे हाथों में जायेगा …
Read More »जनरल डिब्बा किया खत्म, गरीब के लिए रेलवे से यात्रा करना हुआ महंगा
अब तक रेल्वे से यात्रा करना सस्ता और सुलभ सुविधा जनक रहा है। गरीब से गरीब बेरोजगार व्यक्ति रेलवे के जनरल डिब्बे में बैठकर आसानी से यात्रा करता रहा है। लेकिन अब गरीब और बेरोजगार के लिए रेलवे से यात्रा करना आसान नही महंगा हो गया है। सरकार ने रेलगाड़ी …
Read More »हम पर निर्भर करता है, हम जीवन प्रेम से गुजारते हैं या क्रोध से।
* प्रेरक प्रसंग * हम पर निर्भर करता है कि हम जीवन प्रेम से गुजारते हैं या क्रोध से। एक बार की बात है तथागत गौतम बुद्ध शाम के समय अपने मठ में बैठे हुए थे. तभी उनका सबसे प्यारा शिष्य आनंद कहीं से क्रोधित होकर आया और गौतम बुद्ध …
Read More »जातिवाद,ऊंच-नीच,भेदभाव किसी भी राष्ट्र निर्माण में सबसे बड़ी बाधा है।
अमेरिका में आज भी श्रम को महत्व दिया जाता है। इस लिए वह दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति है। वहीं भारत में श्रम को महत्व नही दिया जाता है,उॅच-नीच भेदभाव जाति को महत्व दिया जाता है। भारत में श्रम करने वाला छोटी जाति का होता है,नीच होता।जो बिल्कुल श्रम नहीं …
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