आर्थिक रूप से सुदृढ़ व्यक्ति आरक्षित सीट की बजाय सामन्य सीट से चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यो नही करता – कलिराम पाटिल आरपीआई
20th April 2023
जिला बैतूल, बड़ी खबर
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आर्थिक रूप से सुदृढ़ व्यक्ति आरक्षित सीट की बजाय सामन्य सीट से चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यो नही करता – कलिराम पाटिल आरपीआई
भारत की जातिवादी सामाजिक व्यवस्था में राजनीति के अखाड़े में दलित समाज का व्यक्ति सामान्य सीट जगह से चुनाव लड़ने की हिम्मत कर्मो नहीं करता ? दलित शोषित वंचित पिछड़े समाज को राजनीति में प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से आरक्षण दिया गया है।जनसंख्या के अनुपात से सीटें आरक्षित हुए हैं। आरक्षण सीट से शोषित पिछड़ा समाज के ऐसे व्यक्ति को मनु और गांधी विचारधारा की पार्टीया प्रत्याशी बनाती है जो पार्टी के बंधन में रहे और जीहुजूरी करते रहे। चुनाव में चुनाव में सफल होने पर पांच वर्षों में नौकरी वाले से ज्यादा करोड़ों रुपए कमा लेता पेंशन का हकदार भी हो जाते है।आज के समय में चुनाव लड़ना सफल होने पर फायदे का सौदा मानकर चल रहे है।आर्थिक रूप से सक्षम पढ़ा-लिखा उच्च शिक्षित व्यक्ति ने तो चुनाव में सामन्य सीट से भाग्य आजमाना चाहिए, आरक्षित सीट से नही।हार्ट सर्जन डॉक्टर गंभीर स्थिति में जीवन देते है सबसे बड़ा धर्मीक सेवा का कार्य है। डॉक्टरी पेशा ऐसा की पैसा दौड़कर पास आता है।नामी अस्पताल से अनाप शनाप होने वाली कमाई के बावजूद भी चुनाव लड़ाने की तैयारी? वहीं अच्छी-खासी सम्मान की प्रशासनिक नौकरी से इस्तीफा देकर चुनाव में खुदने की कवायद समझ से परे है। बैतूल जिले की आमला विधानसभा क्र१३१अनुसूचित जाति की सीट हाई-प्रोफाईल होती जा रही है। हर आर्थिक रूप से सुदृढ़ व्यक्ति आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के लिए आमादा है। लोगों को सरकारी रोजगार नही मिल रहा। बहुत मेहनत के बाद प्रशासनिक कलेक्टर अधिकारी बनते है।और उन्ही के द्वारा चुनाव लड़ने के लिए प्रशासन के उच्च स्तर के पद कलेक्टर डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा देने को तैयार है ? गौरतलब है कि भाजपा के आमला सारनी विधानसभा सीट से निर्वाचित विधायक योगेश पंडाग्रे ने अपने पांच साल के विधायकी कार्यकाल से सिखते हुए करोड़ों रुपए की लागत से स्टोन क्रेशर डम्फर खरीदकर बिजनेस में अपना कदम बढ़ा दिया है। विधायकी में ही भविष्य में बड़ा बिजनेसमेन बनने का सपना देखे हुए है। बैतूल जिले में तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर निशा बागरे ने अपने प्रशासनिक डिप्टी कलेक्टर से इस्तीफा दे कर आमला सारनी विधानसभा से चुनाव लड़ने का संकेत दे दिया है। वहीं इसी बैतूल जिले में तत्कालीन कलेक्टर बी चंद्रशेखर बोरकर ने भी कलेक्टरी से इस्तेफी की पेशकश कर दी है।