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रिपब्लिकन पार्टी भी प्रत्याशी उतारेगी आमला विधानसभा में हरिजन और स्वाभिमानी आम्बेडकरी प्रत्याशी होंगे।

रिपब्लिकन पार्टी भी प्रत्याशी उतारेगी आमला विधानसभा में
हरिजन और स्वाभिमानी आम्बेडकरी प्रत्याशी होंगे।

युगपुरुष महामानव सिंबाल आफ नालेज बौद्धिसत्व भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर की १३२ वी जयंती को उत्सव के रूप में हर्षोल्लास से मनाया। बाबा साहेब आंबेडकर के १३२ वे जन्म उत्सव में चारों तरफ बाबा साहेब आंबेडकर की छाया चित्र अभिवादन के कटाउट, निले झंडे हाथ से लहराते रैलियां झांकियां जयभीम नारो की गुज जन सैलाब उमड़ता देखने को मिला। बाबा साहेब आंबेडकर ऐसे एक मात्र भारतीय महापुरुष हुए हैं जिनकी जयंती समारोह भारत के बाहर विदेशों में मनाया जाता है। बाबा साहेब के महत्व को समझते हुए आम्बेडकरी दलितों के वोट बैंक को साधने के लिए संविधान को खत्म करने की साज़िशकर्ता बाबा साहेब आंबेडकर के घोर विरोधियों ने जयंती समारोह का आयोजन बढ़-चढ़कर बाबा साहेब आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण को अभिवादन जयभीम के नारे लगाए। बाबासाहेब आंबेडकर के राजनैतिक घोर विरोधी रहने वाले पार्टी में अपना भविष्य देखने वाले महत्त्वाकांक्षी नेताओं की जन्म उत्सव में अच्छी खासी भीड़ देखी गई।उन लोगों को भी बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती रैलियों में देखा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है जयभीम बोलते किधर भी जाते हैं। वर्तमान में पढ़ा-लिखा शिक्षितो को बाबा साहेब आंबेडकर विचारों का है कहना ही गलत है।यही लोग तो बाबा साहेब आंबेडकर के राजनैतिक दलों से दूर रहते है ब्राहमणी राजनैतिक दलों में घुस कर आरक्षण का लाभ लेकर फायदा उठा रहे हैं। बाबा साहेब आंबेडकर ने ब्राह्मणों की विचारधारा राजनैतिक दलों से दूर रहने के लिए कहां था संगठन बनाने के लिए नहीं बल्कि संगठित होने के अपने घर के राजनैतिक दल भारतीय रिपब्लिकन पार्टी में रहने के लिए कहां था। लेकिन भारतीय रिपब्लिकन पार्टी में रहने शर्म लगती है। बाबा साहेब आंबेडकर की पार्टी भारतीय रिपब्लिकन पार्टी को हसिये लाकर खड़ा कर दिया है। बाबा साहेब आंबेडकर को शर्म के कारण सब मान रहे है चल कोई नही रहा है जबकि बाबा साहेब आंबेडकर की देन की वजह से इस देश का शोषित वंचित पिछड़ा समाज सुख भोग रहा है। यह २०२३ मप्र का चुनावी वर्ष है। मध्यप्रदेश विधानसभा में ६-७ महिने का समय है। विधानसभा चुनाव लड़ने वालों की सक्रियता बढ़ने लगी है जिसका जीता जागता उदाहरण बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती में देखने मिला होगा, पार्टी में टिकट की दावेदारी करने वाले ने आम मतदाताओं से मेल जोल संपर्क करना रिझाना शुरू कर दिया है।मप्र में भाजपा कांग्रेस मुख्य मुकाबले होती है। बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है लेकिन एक बार भी यहां से आरक्षण के फायदे से बाबा साहेब आंबेडकर की पार्टी से कोई नही जीता ना ही मतदाताओ ने पंसद किया। पहले कांग्रेस के प्रत्याशी विजय होते रहे है अब तीन बार से लगातार भाजपा के प्रत्याशी विजय रहे है। फिलहाल वर्तमान में भाजपा के डॉ योगेश पडाग्रे विधायक है।इस बार भी योगेश पंडाग्रे भाजपा के प्रत्याशी बनाने की संभावना है।सुत्र कहते है कि तत्कालीन बैतूल जिले में डिप्टी कलेक्टर रही निशा बागरे भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रही है, भाजपा से टिकट नही मिलने की संभावना के बाद कांग्रेस से टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। देखने को मिला है कि भाजपा के भावी प्रत्याशी विधायक योगेश पंडाग्रे ने पार्टी में मजबूत स्थिति निर्मित करने के बाद समाज में घुसपैठ करनी शुरू कर दी है। कुछ दिनों पुर्व विधायक योगेश पंडाग्रे ने आमला पंखा के ब्राहमणवाडा स्टोन क्रशर स्थान में समाज के लोगों की खाने पीने सामाजिक बैठक आयोजित की। जिसमें अपने को सबसे ज्यादा शिक्षित लायक जनप्रतिनिधि होने का दावा प्रस्तुत किया गया।सभी उपस्थित सामाजिक लोगों ने बैतूल जिले का ही प्रत्याशी को जनप्रतिनिधि बनाने की घोषणा एक शुरू में निकली गई। वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारी डिप्टी कलेक्टर के पद पर रही निशा बागरे बैतूल जिले के आमला सारनी में सामाजिक सक्रियता चुनाव लड़ने के संकेत दे रहे थे।सुश्री निशा बागरे का पेत्रक निवास बालाघाट का है। निश्चित ही बाबा साहेब अंबेडकरी विचारों में सहमति दिखाती है। प्रशासनिक अधिकारी डिप्टी कलेक्टर आर्थिक रूप से सक्षम उच्च सवर्ण समाज अग्रवाल से जीवनसाथी बनाने वाली निशा बागरे की अपने प्रशासनिक पद से इस्तीफा देकर सोच विधानसभा चुनाव कैसे बन रही है। संभवतः आम शोषित वंचित पिडितो की सेवा करने की होगी। प्रशासनिक पद पर रहते हुए सेवा जितनी अच्छी सेवा की जा सकती है।सेवा करना बहाना है और स्वयं का राजनीतिक रबड़ी आर्थिक सुधार करना असल मकसद है। कांग्रेस आमला विधानसभा सभा के लिए नये कडिडेट की तलाश में है। निश्चित ही निशा बागरे को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया जा सकता है। आमला से भीमसेना आप पार्टी भी प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है वहीं हर बार की तरह इस बार भी भारतीय रिपब्लिकन पार्टी आमला से मजबूत प्रत्याशी उतारेगी। आमला विधानसभा चुनाव में निश्चित ही पार्टी के इशारों में चलने जी हुजुरी करने विधानसभा में चुप्पी रहने वाले हरिजन और स्वाभिमान आम्बेडकरी प्रत्याशियो के बीच मुकाबला देखने को मिल सकता है।
कलिराम पाटिल
मध्यप्रदेश महामंत्री
आरपीआई

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