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प्रशासनिक अधिकारी बढ़ावा दे रहे है ब्राह्मणो के हिंसा अंधविश्वासी कर्मकाण्ड परम्पराओं को ।

प्रशासनिक अधिकारी बढ़ावा दे रहे है ब्राह्मणो के हिंसा अंधविश्वासी कर्मकाण्ड परम्पराओं को ।

5 अक्टूबर 22 को अशोका विजयदशमी दशहरे के दिन  प्रशासनिक अधिकारियों जिला कलेक्टर एसपी महोदया द्वारा असत्य पर सत्य की विजय के रूप में शस्त्रो की पुजा दौरान एसपी महोदया द्वारा सर्विस रिवाल्वर से फायर देखने में आया है। । यहां उल्लेखनीय है कि शस्त्र एक घातक हथियार है। जिसको पुजने से हिंसा को प्रोहत्सान मिलता है। हिंसकों को बढ़ावा मिलता है। काल्पनिक राम ने रावण और दुर्गा देवी ने महिषासुर का वध बुराई पर अच्छाई की जीत कहां तक सत्य है। देश में ढेरों रावण महिषासुर भरे पड़े है जो नन्ही बच्ची को नही छोड़ रहे है। उन पर तो विजय नही पाया जा रहा हिन्दू मुस्लिमो को आपस में लड़ाया जा रहा है। पढ़े-लिखे प्रशासनिक अधिकारी स्वयं ब्राह्मणो के अंधविश्वासी कर्मकाण्ड परम्पराओं को बढ़ावा दे रहे है।जिस हिन्दू धर्म में दशहरा का त्योहार मनाया जाता है वह असल में अशोका विजयदशमी का ऐतिहासिक धम्मप्रवर्तन दिन है। इस दीन सम्राट अशोक ने शस्त्रो को त्याग कर बौद्ध धम्म को ग्रहण किया था।उसी ऐतिहासिक घटना को नष्ट करने के उद्देश्य से ब्राह्मणों ने दशहरा के त्यौहार का रुप दिया। शस्त्र से हिंसा पैदा होगी और हिंसा से कभी शांति स्थापित नही हो सकती है। शस्त्र से डराया धमकाया जा सकता है। वातावरण को वश किया जा सकता है। अपना बचाव किया जा सकता है लेकिन दुश्मनी और घृणा को खत्म नही किया जा सकता है।ना ही शांति और सौहार्द्रपुर्ण वातावरण का निर्माण हो सकता है। शांति और सौहार्दपुर्ण स्थिति तो प्रेम करुणा भाईचारा से ही कायम हो सकता है।सनद रहे कि अशोका विजयदशमी दशहरे के दिन बैतूल जिले के दो जगहों सारनी और चिचोली में गोली चलने की घटना का समाचार है यह दुर्भाग्यपुर्ण है।जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

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