आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी छुआछूत बरकरार- रामबृज गौतम
10th August 2022
प्रयागराज
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आज़ादी के 75 वर्ष बाद भी छुआछूत बरकरार- रामबृज गौतम –रामबृज गौतम
प्रयागराज 10 अगस्त, देश आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा है और इन 75 सालों में देश ने काफी तरक्की की है लेकिन दुःख की बात ये है कि तमाम कोशिशों के बावजूद छुआछूत जैसी बीमारी देश और समाज मे पूरी तरह खत्म नहीं हुई है उक्त बातें पूर्वांचल दलित अधिकार मंच (पदम) के संस्थापक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रामबृज गौतम ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दी।गौतम ने बताया कि अभी एक अगस्त से लेकर आठ अगस्त तक छुआछूत मुक्त भारत अभियान यात्रा को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता, चिंतक, मानवाधिकार कार्यकर्ता मार्टिन मैकवान ने बताया कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी देश में छुआछूत और भेदभाव बरकरार है जो अभी पूरे तरीके से नही मिट पाया है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने देश के सामाजिक संगठनों, राजनितिक दलों एवं प्रबुद्धजनों से मानवीय छुआछूत के खिलाफ धरातल स्तर पर मुहिम चलाने का आह्वान किया। पिछले 42 सालों में भारत मे छब्बीस हजार दलितों की हत्यायें हुई है। पचपन हजार पाँच सौ दलित महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया है। साढ़े बारह लाख हत्या के केश पुलिस थानों में दर्ज है के बाबजूद देश के प्रधानमंत्री बोलते है कि देश का बहुत अधिक विकास हुआ है। अगर विकास सही में हुआ है तो हिंसा तो कम होनी चाहिए ? अगर हम आजादी की बात करते है तो आज़ादी का मतलब क्या है ? अगर देश मे छुआछूत रहने वाला है तो ऐसी आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का कोई मतलब ही नही है। छुआछूत के खिलाफ कानून तो बने है लेकिन आज भी भेदभाव जारी है। दलितों को कहीं मंदिर में घुसने नही दिया जाता तो कही स्कूलों में चल रहे मध्यान भोजन में दलित बच्चों की अलग लाइन लगवाई जाती है। देश की सुरक्षा के लिये जवान सीमा पर लड़ते लड़ते जब शहीद होता है शमशान घाट पर उसकी मिट्टी को दलित होने के कारण फूंकने नहीं दिया गया है।