तामिलनाडु के सामाजिक साथियों ने छत्तीसगढ़ के युवा मजदुरो को श्रीपति पेपर कम्पनी से छुड़वा कर बंधुआ मजदूरी से मुक्त किया।
तमिलनाडु के सामाजिक साथियों के प्रयास से छत्तीसगढ़ के 25 युवाओं को श्रीपति पेपर कंपनी से छुड़वाने में मदद किया बंधुआ मजदूरी से मुक्त किया है। उन युवाओं को जबरदस्ती से कार्य करवाया जा रहा था और धमकी देकर उन्हें छोटेसे कमरे में रखा जा रहा था। छत्तीसगढ़ से देवेंद्र भाई और राजीम जी ने सुचना देने के बाद तमिलनाडु के साथी सक्रीय हुए और ज़िला न्यायाधीश, कामगार अधिकारी, तहसीलदार और पुलिस से संपर्क कर उन युवाओं को छुड़वाने के लिए टीम गठीत किया गया लेकिन उससे पहले ही उन्हें कंपनी मालिक ने सभी युवाओं को नजदीकी रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया।अब सभी युवाओं को सुरक्षित एक जगह पर रखा गया है और हमारे साथी पुलिस केस दर्ज करने के लिए अधिकारियो के संपर्क में है। युवाओं को कल ट्रैन से छत्तीसगढ़ भेजा जायेगा। हमारे तमिलनाडु के कार्यकर्ता मुनिराज, कंदासमी, अनंथमहालक्ष्मी और सेल्वी को कंपनी मालिक ने फ़ोन कर धमकी दिया है लेकिन कार्यकर्ता युवाओं का हौंसला बढ़ा रहे है और अभी भी उनके साथ खड़े है। मै लगातार सुबह से तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ में संपर्क कर यह रेस्क्यू ऑपरेशन करने में जुड़ा रहा।👆साथियों आज सुबह से अभी तक हमारे तमिलनाडु के साथियों के प्रयास से छत्तीसगढ़ के 25 युवाओं को श्रीपति पेपर कंपनी से छुड़वाने में मदद किया है। उन युवाओं को जबरदस्ती से कार्य करवाया जा रहा था और धमकी देकर उन्हें छोटेसे कमरे में रखा जा रहा था। छत्तीसगढ़ से देवेंद्र भाई और राजीम जी ने सुचना देने के बाद तमिलनाडु के साथी सक्रीय हुए और ज़िला न्यायाधीश, कामगार अधिकारी, तहसीलदार और पुलिस से संपर्क कर उन युवाओं को छुड़वाने के लिए टीम गठीत किया गया लेकिन उससे पहले ही उन्हें कंपनी मालिक ने सभी युवाओं को नजदीकी रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया।अब सभी युवाओं को सुरक्षित एक जगह पर रखा गया है और हमारे साथी पुलिस केस दर्ज करने के लिए अधिकारियो के संपर्क में है। युवाओं को कल ट्रैन से छत्तीसगढ़ भेजा जायेगा। हमारे तमिलनाडु के कार्यकर्ता मुनिराज, कंदासमी, अनंथमहालक्ष्मी और सेल्वी को कंपनी मालिक ने फ़ोन कर धमकी दिया है लेकिन कार्यकर्ता युवाओं का हौंसला बढ़ा रहे है और अभी भी उनके साथ खड़े है। मै लगातार सुबह से तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ में संपर्क कर यह रेस्क्यू ऑपरेशन करने में जुड़ा रहा।