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आनन्द बुध्दविहार प्रबंधन समिति मूलताई ने धम्म प्रर्वतन दिवस मनाया।

मूलताई – आनंद बुद्ध विहार प्रबंधन समिति मुलताई द्वारा धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस मनाया गया !इस अवसर पर भोपाल से पधारे आयुष्मान ओपी अहिरवारजी तथा बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंधक राजकुमार अहिरवार जी द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए !डॉ बाबासाहेब आंबेडकर ने सन 1935 मैं येवला सम्मेलन में कहा था कि मैं हिंदू धर्म में पैदा जरूर हुआ हूं यह मेरे बस की बात नहीं थी परंतु मैं हिंदू धर्म में रहकर मरूंगा नहीं यह मेरे बस में हैं! इसके बाद बाबा साहब ने अनेक धर्म ग्रंथों का गहन अध्ययन किया तथा इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि बुद्ध धम्म ही ऐसा धम्म है जिसमें करोड़ों दलितों पिछड़ों का उद्धार हो सकता है! अंत में 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर की दीक्षाभूमि पर 500000 अनुयायियों के साथ बाबा साहब अंबेडकर ने बुद्ध धम्म की दीक्षा ली! इस दिन का चयन बाबा साहब ने इसलिए किया था क्योंकि इस दिन सम्राट अशोक ने ईसा पूर्व तीसरी सदी में बुद्ध धर्म को अपनाया था, इसलिए इस दिवस को अशोका विजयदशमी भी कहा जाता है कार्यक्रम में मुख्य रूप से समिति के अध्यक्ष श्री राम लोखंडे जी सचिव सहदेव पाटिल बाल किशोर खातरकर शेषराव भूमरकर आनंद राव निरापुरे श्रवण निरापुरे महेंद्र ubnare धनराज झारे कुलदीप पहाड़े काशीनाथ मालवीय करुणा निरापुरे वर्षा खातरकर आदि उपस्थित थे! कार्यक्रम का संचालन आयुष्मान बाल किशोर खातरकर तथा आभार प्रदर्शन आयुष्मान बीआर हाहां आथनकर कर द्वारा किया गया !

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